भरत जी को सपने में ही इनके पिता दशरथ की मृत्यु का अनुमान हो गया था क्योंकि उन्होंने अपने सपने में दशरथ जी को काले कपड़े पहने एवं उदास देखा था
वाल्मीकि रामायण के अनुसार जब रावण ने कैलाश पर्वत उठाया था तब माता पार्वती ने क्रोधित होकर श्राप दिया था कि तेरी मृत्यु का कारण एक स्त्री बनेगी।
जब सीता हरण के पश्चात रावण को पता चला की श्री राम, लंका की ओर युद्ध के लिए आ रहे है तब इनके भाई विभीषण ने माता सीताजी को लौटाकर राम से संधि करने को कहाँ लेकिन तब रावण बोला की अगर वह साधारण मानव है तब वह मुझे नहीं हरा सकते लेकिन अगर वह वास्तव में ईश्वर है तब उनके हाथो मेरी मृत्यु नहीं अपितु मोक्ष प्राप्ति होगी, अतः में युद्ध अवश्य करूँगा।
रावण के रथ की ध्वजा पर अंकित वीणा के चिन्ह से यह पता लगता है कि रावण को संगीत थी प्रिय था तथा कई जगह इस बात का उल्लेख है कि रावण वीणा बजाने में भी निपुण था।
लक्ष्मण जी 14 सालो तक नहीं सोयें थे तथा इसी कारण इन्हें गुडाकेश भी कहा जाता है | रावण पुत्र मेघनाद को वरदान था की उसकी मृत्यु वही करेगा जो 14 वर्षो तक न सोया हो और इसी कारण मेघनाद, लक्ष्मण के द्वारा मारा गया।
रावण राक्षसों का राजा था तथा उस समय लगभग सभी बालक इससे बहुत ज्यादा डरते थे क्योंकि इसके दस सिर थे परन्तु रावण, शिव का बहुत बड़ा भक्त था तथा बहुत ही बुद्धिमान विद्यार्थी भी था, जिसने सारे वेद का अध्ययन किया।
जब भगवान श्री राम वनवास के लिए जा रहे थे तब उनकी आयु 27 वर्ष थी।
हिंदू मान्यताओं के अनुसार इस ब्रह्माण्ड में 33 करोड़ देवी-देवता है लेकिन बाल्मीकि रामायण के अनुसार 33 करोड़ नहीं अपितू 33 कोटि अर्थात 33 प्रकार के देवी देवता है |
जिस समय दशरथ जी ने पुत्रेष्ठी यज्ञ किया था उस समय दशरथ जी की आयु 60 वर्ष थी |
जब राम और रावण के मध्य अंतिम युद्ध लड़ा जा रहा था तब इंद्रदेव ने अपना चमत्कारिक रथ श्रीराम के लिए भेजा था और इस रथ पर बैठ कर ही श्री राम ने रावण का वध किया।
तुलसीरामायण में लिखा है कि सीता जी के स्वयंवर में श्री राम ने भगवान शिव का धनुष बाण उठाया व इन्हें तोड़ दिया परंतु इस घटना का वाल्मीकि रामायण में कोई उल्लेख नहीं है |
जब माता सीता का अपहरण रावण के द्वारा हुआ तब जटायु ने उन्हें बचाने का प्रयास किया और अपना बलिदान दिया परंतु राम वाल्मीकि रामायण के अनुसार यह जटायु नहीं थे अपितु उनके पिता अरुण थे।